“खड़े हैं इस किनारे”

खड़े हैं इस किनारे, जाना है उस पार
किसकी सलाह ली जाये
जमा है हमारे इर्द-गिर्द नकाबपोशों की फ़ौज़
सच्चा कौन है
ये पहचान कैसे की जाये

“ऋतेश”

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