खुद से क्या कहूँ खुद के बारे मे
ज़िन्दगी एक दरिया, मैं लहरों का सैलाब हूँ
मेरी पहचान मेरी आवाज़ से हैं
भावनाओ का समंदर, मैं कलम का इंकलाब हूँ ”
“ऋतेश “
खुद से क्या कहूँ खुद के बारे मे
ज़िन्दगी एक दरिया, मैं लहरों का सैलाब हूँ
मेरी पहचान मेरी आवाज़ से हैं
भावनाओ का समंदर, मैं कलम का इंकलाब हूँ ”
“ऋतेश “