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"रंग-बिरंगी इस दुनियां में"

रंग-बिरंगी इस दुनियां में, मै आज क्यूँ इतना बेरंग सा हूँ फैली हुई इस धरती पे, मैं आज क्यूँ इतना तंग सा हूँ सांसे कुछ घुटी-घुटी सी हैं, हूँ आज परेशान हालातों से सुलझी हुई कुछ बातों में, मैं आज क्यूँ इतना उलझा सा हूँ रंग-बिरंगी इस दुनियां में, मै आज क्यूँ इतना बेरंग सा…

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"आज़ादी की सालगिरह पर"

आज़ादी की सालगिरह पर सबमे है उन्माद भरा उम्र हो गई अड़सठ की, अब जाके देश जवान हुआ बीता बचपन ठोकरों में इसका, सभ्यता को भी ठेस लगी पड़ गई दरार संस्कृति में, जाति-पति की आग लगी पश्चिमी विकास की आंधी में, सामाजिक मूल्यों की बलि चढ़ी इस देश का जाने क्या होगा, अपराधियों के…

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"आसमाँ आज तारों से नहीं भरा है"

आसमाँ आज तारों से नहीं भरा है काली बदलियाँ घिरी पड़ी हैं रातरानी के फूल खिल गए हैं मद्धम मद्धम बूंदे पड़ रही हैं और हवाएँ महक रही हैं मैं ऐसा हूँ के जैसा नहीं हूँ, मैं जैसा था, अब वैसा नहीं हूँ हर तरफ अँधेरा सा है, और मैं लाचार हूँ ज़िंदगी की कश्मकश…

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"कैंटीन की वो तेरह सीढ़ियां"

कैंटीन की वो तेरह सीढ़ियां बड़ी मायूस हैं, ए दोस्त खामोश रहकर भी जाने कितने सवाल कर जाती हैं उन सीढ़ियों के साथ मुझे भी यकीन  है, वो लम्हे तुम भी भुला नहीं पाये होगे | ये वो तेरह सीढ़ियां हैं जहाँ पर कुछ चेहरों की मुस्कराहट एक पोटली में बंधी है और सब उसे…

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"तू पास नहीं तो क्या हुआ"

तू पास नहीं तो क्या हुआ हर रोज़ तेरे ख्वाबो से ज़रा सी ज़िंदगी उधार लेता हूँ फिर निकल पड़ता हूँ एक सुनसान सड़क पर, तुम्हारी तलाश में जो शाम तक मुझे थकाकर, फिर ले आती है तुम्हारे ख्वाबों के पनाह में थोड़ी सी ज़िंदगी उधार मांगने “ऋतेश “

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"ये पल कभी भूलने वाले नहीं हैं"

ये पल कभी भूलने वाले नहीं हैं ये वो कल हैं जो फिर आने वाले नहीं हैं संभाल कर रखना इनको दिल में कहीं ये वो बादल हैं जो फिरसे बरसने वाले नहीं हैं दफ़न हो जायेंगे ये पल भी ज़िन्दगी की किताब में पलटना कभी अकेले इन पन्नो को हमारी याद में हम न…

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"अभी- अभी तो उड़ना सीखा था"

अभी-अभी तो उड़ना सीखा था हवाओं से लड़ना सीखा था वक़्त ने हमारे पर काट लिए अभी अभी तो मुस्कुराना सीखा था तमन्ना थी की आसमाँ को नापेंगे है दम कितना खुद में ये जाचेंगे पर पहली ही उड़ान में तूफ़ान आ गया हमने तो अभी इस डाल से उस डाल पर फुदकना सीखा था…

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"बहते जाना पानी की फितरत है"

बहते जाना पानी की फितरत है पर समंदर की लहरों का भी दायरा होता है उनकी लहरों का भी किनारा होता है यूँ तो साथ रहते हैं हम सभी सबको अपना कहते हैं हम सभी पर अक्सर नज़दीकियों में भी फ़ासला होता है अपनों को ठुकराने का हौसला होता है बहते जाना पानी की फितरत…

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