"किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा " Posted on August 22, 2014December 25, 2016 by ritesh किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा किसी को बस हमारा इंतज़ार रहा उलझ कर रह गए हम रिश्तों की बेड़ियों में सिर्फ वही था जिसे हमसे नफरत थी ऐसे बहुत थे जिन्हे सिर्फ हमसे प्यार रहा” “ऋतेश “
yaminee
December 22, 2014 at 11:57 amAwesome bhai…
rakesh
January 31, 2015 at 6:05 pmAwsm line dear Ritesh!!!!