“तू कुछ और था”
शक्लो सूरत और किरदार सब बदल लिए तूने वक़्त ने तेरे चेहरे का नक़ाब जो हटाया तू कुछ और था कुछ और ही नज़र आया “ऋतेश”
शक्लो सूरत और किरदार सब बदल लिए तूने वक़्त ने तेरे चेहरे का नक़ाब जो हटाया तू कुछ और था कुछ और ही नज़र आया “ऋतेश”
डरता हूँ तेरी मुस्कराहट कहीं गुम ना हो जाये एक पूरा मौसम लगता है उसे वापस तुम्हारे होंठो तक ला पाने में मुझको “ऋतेश“
हर बात में एक कहानी छुपी है जिसके पीछे किरदार छिपे है अलग-अलग नक़ाब लगाए हुए, छुपाते है अपनी असल शक़्ल को इस क़दर जो कभी सामना हो खुद का आईने से तो खुद की आँख भी धोखा खा जाये और नक़ाब ओढ़े हुए किरदार को खुद भी ना पहचान पाए यही फलसफा है दुनिया […]
सरोज दिन-रात बुनती है कुछ मीठे सपने फिर उधेड़ती है, वापस बुनती है और थोड़ी देर में भूल जाती है सपनों के ऊन का गोला कहीं फिर झुंझलाती है, और बेरंग हो जाते हैं उसके सारे सपने……………………………………………………. मैंने बेहद करीब से देखा है, इक मासूम सा बचपन अभी भी तैरता है उसकी आँखों में जो […]
अपना-अपना सब करते हैं, सबका क्या है पता नहीं इस झूठी धोखेबाज़ दुनियाँ में, अपना कौन है पता नहीं पैर लगा आगे बढ़ जाओ, वक़्त यही अब मांग रहा सफलता तमको तभी मिलेगी, हर व्यक्ति यही अब जान रहा गैरों की खातिरदारी में, रिश्तों की परवाह नहीं अपना-अपना सब करते हैं, सबका क्या है पता […]
सुना है पिछली रात तुम बहुत रोये थे आँखों का सारा काजल फैला दिया था अपने गालों पर सुबह के तारे ने सब बता दिया है मुझको आंसू पोछ लो अब और मत रोना उस चाँद के लिए सदियों की अमावस तुम्ही ने मांगी थी उससे गुस्से में आकर और वो छुप गया है अँधेरा […]
मर्ज़ियाँ मोड़ दी तुमने तो राह बदल गई अर्ज़ियाँ मानते तो हम मुसाफिर नहीं होते बस इक सच बोल के मैंने वो सिलसिला शुरू किया था तुम सौ झूठ न बोलते, तो हम तनहा नहीं होते जो वक़्त तुमने तमाम नफरतों में खर्च दिए, हमारा इश्क़ ज़िंदाबाद होता गर तुम थोड़े बहुत भी मेरे जैसे […]
किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा किसी को बस हमारा इंतज़ार रहा उलझ कर रह गए हम रिश्तों की बेड़ियों में सिर्फ वही था जिसे हमसे नफरत थी ऐसे बहुत थे जिन्हे सिर्फ हमसे प्यार रहा” “ऋतेश “
मैं खुश हूँ इसका उसे कोई गम है वो खुश है इसका मुझे कोई गम है मतलब साफ़ है, ऐ मेरे यारों यहां भी कोई गम है, वहाँ भी कोई गम है” “ऋतेश “