तू पास नहीं तो क्या हुआ
हर रोज़ तेरे ख्वाबो से ज़रा सी ज़िंदगी उधार लेता हूँ
फिर निकल पड़ता हूँ एक सुनसान सड़क पर, तुम्हारी तलाश में
जो शाम तक मुझे थकाकर, फिर ले आती है तुम्हारे ख्वाबों के पनाह में
थोड़ी सी ज़िंदगी उधार मांगने
“ऋतेश “
तू पास नहीं तो क्या हुआ
हर रोज़ तेरे ख्वाबो से ज़रा सी ज़िंदगी उधार लेता हूँ
फिर निकल पड़ता हूँ एक सुनसान सड़क पर, तुम्हारी तलाश में
जो शाम तक मुझे थकाकर, फिर ले आती है तुम्हारे ख्वाबों के पनाह में
थोड़ी सी ज़िंदगी उधार मांगने
“ऋतेश “
Rohit Raj
August 4, 2014 at 5:17 pmVery nyc and beautiful lines… keep it up
Shreya
August 7, 2014 at 10:10 pmAwesome it is….just few lines n you said it all.