"किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा "

किसी को हद से ज्यादा चाहने पर ऐतराज़ रहा
किसी को बस हमारा इंतज़ार रहा
उलझ कर रह गए हम रिश्तों की बेड़ियों में
सिर्फ वही था जिसे हमसे नफरत थी
ऐसे बहुत थे जिन्हे सिर्फ हमसे प्यार रहा”

“ऋतेश “

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