"तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ"

तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ तेरी नीली आँखों से कुछ ख्वाब चुराने आया हूँ ना दे इल्ज़ाम तू चोरी का, मैं चोर नहीं दीवाना हूँ इस रात की बस औकात मेरी, मैं नन्हा इक परवाना हूँ ले चलूँ तुझे तारों की छाँव, आ चल मैं लेने आया हूँ तेरी मीठी रातों…

Read More

"गुलमोहर का वो पेड़"

गुलमोहर का वो पेड़ जहा हम पहली बार मिले थे कुहरा-कुहरा चारो ओर था, गेंदे के फूल खिले थे ख़ामोशी थी चारो ओर और सुबह के सात बजे थे उनको तब पढ़ने जाना था, पर वो मेरे लिए खड़े थे गुलमोहर का वो पेड़ जहा हम पहली बार मिले थे………. होंठ उनके कांप रहे थे,…

Read More