"तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ"

तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ
तेरी नीली आँखों से कुछ ख्वाब चुराने आया हूँ
ना दे इल्ज़ाम तू चोरी का, मैं चोर नहीं दीवाना हूँ
इस रात की बस औकात मेरी, मैं नन्हा इक परवाना हूँ
ले चलूँ तुझे तारों की छाँव, आ चल मैं लेने आया हूँ
तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ………………..

तेरी चमक पे नहीं अटका मैं, तेरी सादगी पे फिसला हूँ
है आज आखिरी रात मेरी, मोहब्बत के सफर पे निकला हूँ
रख दे मेरे काँधे पर सर, इक गीत सुनाने आया हूँ
तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ………………..

जो मधुर मिलन दो पल का है, वो सदियों पे भारी है
ला पिला दो ज़ाम इन आँखों से, मेरे पैमाने खाली हैं
अधरों पे मुस्कान तो ला, मैं तुझे हंसाने आया हूँ
तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ………………..

सुना है चाँद की बस्ती खाली है, वहां किसी से जान-पहचान नहीं
पत्थर के टीले पर बैठेंगे, सबसे छुपकर चुपचाप कहीं
क्यूँ ऐसे रूठी सोयी है, मैं तुझे मनाने आया हूँ
तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ………………..

वो देख फलक पर बादल हैं, और चाँद बगल से झांक रहा
तू याद करेगी रे पगली, इस रात मैं तेरे साथ रहा
बंधन तुझसे है जन्मो का, मैं तुझे बताने आया हूँ
तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ………………..

सूरज आने ही वाला है, है थोड़ी सी अब साँस बची
क्यूँ करती है रे ज़िद सजनी, तारों की बारात सजी
तू दुल्हन, मैं तेरा दूल्हा हूँ, मैं ब्याह रचाने आया हूँ

तेरी मीठी रातों से इक रात चुराने आया हूँ
तेरी नीली आँखों से कुछ ख्वाब चुराने आया हूँ

“ऋतेश “

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